Thursday, August 30, 2018

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मधुमेह जिसको हम English में Diabetes Mellitus के नाम से जाना जाता है मधुमेह खराब जीवनशैली के कारण  उत्पनन एक खतरनाक रोग है मधुमेह उसको कहाँ जाता है जिसका Blood Sugar, जो शरीर में एक मेटाबोलिक सिस्टम के साथ एक शुगर का लेवल होना चाहिए उससे कहीं बड़ा हुआ मिलता है उससे मधुमेह कहा जाता है |  खून में निरन्तर Sugar की अधिकता मधुमेह का संकेत है | 

                             मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में रक्त ग्लूकोज का स्तर बढ़ता है। हालांकि यह लक्षण है, इसके पीछे कारण यह है कि रक्त में ग्लूकोज कोशिकाओं में नहीं जा रहा है। एक बार जब ग्लूकोज रक्त से कोशिकाओं में जाता है, तो आवश्यक होने पर इसे ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है।

डायबिटीज की जाँच 
शुगर लेवल को दो हिंसो में बांटा जाता है एक खाली पेट जिसको हम Fasting कहते है और दूसरा होता है खाना खाने के बाद उसको कहते है Post Prandial. 

1. Fasting :- Fasting Means खाली पेट| जिसका शुगर का  लेवल >125 mg/dl (125 millilitre /decilitre) से ऊपर है | तो उस व्यक्ति को मधुमेह होने की सम्भावना  है | जो हमें एक वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने एक फिगर दी है कि यदि 125 mg/dl से ज्यादा शुगर वाला व्यक्ति होगा तो उसे मधुमेह का रोगी माना जाएगा | फास्टिंग के दौरान यदि खून में शुगर की मात्रा 125 mg/dl से अधिक पाई जाए तो यह मधुमेह होने का संकेत है 


2. PostPrandial :-  PostPrandial Means खाना खाने के बाद |  जिसका शुगर का लेवल खाना खाने के दो घंटे के बाद >145 mg/dl (145 millilitre /decilitre) से ऊपर है तो उस व्यक्ति को मधुमेह होने की सम्भावना  है |खाना खाने के दो घंटे के बाद यदि खून में शुगर की मात्रा 145 mg/dl से अधिक पाई जाए तो यह भी मधुमेह होने का संकेत है | 
                     HbA1C की जाँच से भी मधुमेह की जाँच की जा सकती है | जाँच के दौरान यदि इसका स्तर <7% से अधिक पाया जाता है तो यह भी मधुमेह होने की पुष्टि करता है | 

डाइबिटीज़ के प्रकार 
डाइबिटीज़ दो प्रकार की होती है Type 1  और Type 2 

Type 1 Diabeties :- टाइप 1 डाइबिटीज़ ज्यादातर 20 साल से काम उम्र के बच्चो में पाई जाती है | जिनकी उम्र 20 साल से कम होती है Type 1 डॉयबिटीज़ उन्हें होती है | इसकी वजह यह होती है की जहाँ से हमारा इंसुलिन निकलता है (वो निकलता है Pancreas के Beta Cells से ) तो यदि ये निकलना बंद हो जाता है या इसकी सेंसिटिविटी कम हो जाती है | और जो हमारे शुगर के पुरे मेटाबोलिक सिस्टम को चला रहा है ये एक लाइफलाइन है एक मेटाबोलिक सिस्टम की यदि ये खराब हो जाती है तो हमारा शुगर का लेवल बढ़ जाता है उससे ही हम डॉयबिटीज़ कहते है |   

Type 2 Diabeties :- आजकल भारत के ज्यादातर लोग Type 2 Diabities के शिकार हो रहे है | Type 2  Diabities means जिसमे इन्सुलिन की सेंसिटिविटी कम हो गयी, इंसुलिन की क्षमता कमजोर पड गयी, इंसुलिन  requirement हमारे लिए पूरी नहीं हो रही है | Type 2 Beta Cell इंसुलिन का निर्माण पर्याप्त मात्रा में नहीं कर पाते | तो इन चीजों को कहते है type 2 डायबिटीज | 

डायबिटीज के लक्षण :-
  • ज्यादा प्यास लगना 
  • ज्यादा भूख लगना 
  • अचानक वजन बढ़ना या गिरना 
  • थकान व कमजोरी 
  • घावों का जल्दी न भरना 
  • फोड़े निकलना 
  • हार्ट अटैक का आना 
  •  किडनी खराब होना 
  • पेशाब अधिक आना 
  • खुजली ज्यादा होना 

डायबिटीज के दुष्प्रभाव :-

डायबिटीज में तीन तरह की दिक्कत आम तौर से देखने में आती है जिसे Diabetic Triopathy भी कहते है 
1.  Diabetic Neuropathy 
2.  Diabetic Nephropathy 
3.  Diabetic Retinopathy 

1.  Diabetic Neuropathy :- मधुमेह न्यूरोपैथी मधुमेह मेलिटस से जुड़े तंत्रिका हानिकारक विकार हैं। इन स्थितियों को डायबिटीज न्यूरोपैथी में जमा होने वाले मैक्रोवास्कुलर स्थितियों के अलावा नसों (वासा नर्वोरम) की आपूर्ति करने वाले छोटे रक्त वाहिकाओं से युक्त मधुमेह माइक्रोवास्कुलर चोट से परिणाम माना जाता है। मधुमेह न्यूरोपैथी से जुड़े अपेक्षाकृत सामान्य स्थितियों में तीसरा, चौथा, या छठा क्रैनियल तंत्रिका पाल्सी शामिल है; मोनोन्यूरोपैथी; मोनोन्यूरोपैथी मल्टीप्लेक्स; मधुमेह amyotrophy; एक दर्दनाक polyneuropathy; स्वायत्त न्यूरोपैथी; और thoracoabdominal न्यूरोपैथी।

2.  Diabetic Nephropathy :-  मधुमेह नेफ्रोपैथी (डीएन), जिसे मधुमेह गुर्दे की बीमारी भी कहा जाता है, मधुमेह मेलिटस वाले लोगों में होने वाली गुर्दे की क्रिया का पुराना नुकसान है। ग्लोमेरुली को नुकसान पहुंचाने के कारण पेशाब में प्रोटीन का नुकसान भारी हो सकता है, और जिसके परिणामस्वरूप सामान्यीकृत शरीर सूजन (एडीमा) के साथ कम सीरम एल्बमिनिन होता है और इसके परिणामस्वरूप नेफ्रोटिक सिंड्रोम होता है। इसी प्रकार, अनुमानित ग्लोम्युलर निस्पंदन दर (ईजीएफआर) 90 मिलीलीटर / मिनट / 1.73 एम 2 से अधिक सामान्य से 15 से कम हो सकती है, जिस बिंदु पर रोगी को एंड-स्टेज किडनी रोग (ईएसकेडी) कहा जाता है। यह आमतौर पर वर्षों से धीरे-धीरे प्रगतिशील होता है।

3.  Diabetic Retinopathy  :- मधुमेह रेटिनोपैथी उन लोगों में से 80 प्रतिशत तक प्रभावित करती है, जिन्होंने 20 साल या उससे अधिक के लिए मधुमेह किया है। उचित उपचार और आंखों की निगरानी के साथ कम से कम 90% नए मामलों को कम किया जा सकता है। जितना अधिक व्यक्ति मधुमेह होता है, उतना ही उसके मधुमेह रेटिनोपैथी विकसित करने की संभावना अधिक होती है। संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्येक वर्ष, मधुमेह रेटिनोपैथी अंधापन के सभी नए मामलों के 12% के लिए खाते हैं। यह 20 से 64 वर्ष के लोगों में अंधापन का मुख्य कारण भी है

डायबिटीज का खानपान :- 
  • डायबिटीज वाले व्यक्ति को मीठी चीज नहीं खानी चाहिए 
  • मीठे फल न खाये और साथ ही उनके जूस से परहेज रखे (like:- आम, लीची, केला, सेब etc. )
  • खाने में आलू, और उच्च कैलरी देने वाली सब्जियों से खासतौर पर परहेज रखे 
  • इडली खा सकते है 
  • ढोखला खा सकते है 
  • सब्जियाँ सारी खा सकते है सिर्फ आलू नहीं खा सकते है 
  • दाले सारी खा सकते है (like :- राजमाह, छोले etc. ) 

diavities is a bimari decded which kill each and every part of organ slowly. "The Silent Killer"

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